इस बार चुनाव में ड्यूटी को लेकर न कोई भेदभाव होगा न कोई ना नुकर चलेगी ।
लोकसभा चुनावों में किस कर्मी की ड्यूटी चंबा जिले के सबसे दुर्गम क्षेत्र पांगी में लगेगी और किसे लाहौल स्पीति जिले के काजा जाना होगा, यह वेब डाइस सॉफ्टवेयर तय करेगा। इस बार चुनाव ड्यूटी को लेकर न तो किसी की सिफारिश चलेगी न किसी से भेदभाव होगा। राज्य निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात होने वाले सभी करीब 50,000 कर्मियों की एंट्री वेब डाइस साफ्टवेयर में दर्ज करने के निर्देश दे दिए हैं। सॉफ्टवेयर में प्रोग्रामिंग के जरिये यह भी दर्ज होगा कि कर्मचारी कहां का रहने वाला है और कहां पर सेवारत है, ऐसे दोनों ही स्थानों पर संबंधित मतदान कर्मी की सेवाएं नहीं ली जाएंगी।
प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले सभी 7,990 मतदान केंद्रों की सूची दर्ज करने के बाद सॉफ्टवेयर मतदान कर्मियों की ड्यूटी लगाएगा। कुल कर्मियों में से 20 फीसदी रिजर्व रखे जाएंगे। इनकी सेवाएं आपातकालीन स्थिति में ली जाएंगी। चुनाव ड्यूटी रद्द करने के लिए इस बार बहाने नहीं चलेंगे। निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को हर हाल में निर्धारित संख्या में चुनाव कर्मियों की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक पीठासीन और तीन चुनाव अधिकारी तैनात होंगे। सुरक्षा कर्मियों की तैनाती मतदान केंद्र की श्रेणी पर निर्भर करेगी। सामान्य मतदान केंद्र पर एक होमगार्ड और एक पुलिस आरक्षी तैनात होगा। संवेदनशील बूथों पर पुलिस कर्मियों की संख्या अधिक होगी, केंद्रीय बलों के जवान भी तैनात किए जाएंगे।